Saturday, January 2, 2016

भक्तों की मुराद पूरी करती हैं कठेला की समय माता इस मंदिर का वर्णन चीनी यात्री फाह्यान की पुस्तक में भी मिलता है

सिद्धार्थनगर। इटवा ब्लाॅक क्षेत्र के बूढ़ी राप्ती नदी के किनारे कठेला में स्थित समय माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है। यहां क्षेत्र ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल व बलरामपुर जनपद से भी भक्त मां के दर्शन के लिए आ रहे हैं। यह मंदिर काफी समय से लोगों की आस्था का केन्द्र है। श्रद्धालुओं के मुताबिक समय मां के दरबार में श्रद्धा व आस्था से मांगी गईं सभी मन्नतें पूरी होती हैं। यहां मुंडन व कड़ाही चढ़ाने का भी विधान है।
कठेला की समय माता मंदिर पर वैसे तो वर्ष भर सोमवार व शुक्रवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। लेकिन नवरात्र में तो मेले जैसा माहौल हो जाता है। मंदिर की व्यवस्था देखने वाले पूर्वांचल बैंक के मैनेजर आरएम त्रिपाठी ने बताया कि इस मंदिर का वर्णन चीनी यात्री फाह्यान की पुस्तक में भी मिलता है। मध्यकालीन समय में यहां की रानी ने दूसरे राज्य के हमले से व्यथित होकर इसी स्थल पर अग्नि में अपने प्राणों को त्याग कर सतीत्व को प्राप्त किया। कुछ ही दिन के बाद अपने आप मूर्ति के रूप में प्रकट हुईं। मंदिर के मुख्य पुजारी हंसुदास के अनुसार सतयुग कालीन इस मंदिर में समय माता की व शंकर जी की मूर्ति किसी ने स्थापित नहीं करवाया है बल्कि वह स्वयं ही निकली हैं। उनके मुताबिक मंदिर में समय माता के मुख्य मंदिर के अलावा वनदेवी का मंदिर, शंकर जी का मंदिर जो कि 108 फुट का बन रहा है। इसके अलावा मंदिर में एक भव्य यज्ञशाला भी है। पुजारी के मुताबिक मंदिर में आये हुए श्रद्धालुओं की सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना पूरी होती है।


यहाँ से पूरी ख़बर देखें : न्यूज़ साभार अमर उजाला

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तकदीर बनाती हैं कठेला समय माता : दैनिक जागरण  

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